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9.3.12

आदिवासियों की भूमि के अधिग्रहण मामले पर पुनर्वास, पुनर्स्थापन व आर्थिक मुआवजे का लाभ

Posted: 08 Mar 2012 10:37 PM PST

ढाई दशक पुराने आदिवासियों की भूमि के अधिग्रहण मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 2011 में बनाई गई नीति के तहत प्रभावित परिवारों को पुनर्वास, पुनर्स्थापन व आर्थिक मुआवजे का लाभ देने को कहा है। शीर्षस्थ अदालत ने राज्य सरकार की ओर से नयी नीति के तहत आदिवासियों को लाभ प्रदान किए जाने के आश्वासन पर इस मुद्दे का निपटारा कर दिया है।
राज्य सरकार इस नीति के तहत उस परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देगा जिसकी सौ प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया गया था। जस्टिस डीके जैन की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रदेश के ऊर्जा विभाग की ओर से दाखिल हलफनामे में दिए गए आश्वासन को स्वीकार करते हुए अपने आदेश में नई नीति के तहत दिए जाने वाले लाभों को दर्ज कर लिया। साथ ही भविष्य में भी इस अधिग्रहण नीति के तहत आदिवासी परिवारों को लाभ प्रदान करने का आदेश दिया है।
राज्य सरकार ने जवाब में कहा है कि राष्ट्रीय पुनर्वास नीति 2003 को प्रदेश सरकार ने 10 अगस्त, 2004 को अपना लिया था। उसके बाद ही प्रदेश सरकार की ओर से नयी भूमि अधिग्रहण नीति 2 जून, 2011 को तैयार की गई। इस नीति के तहत राज्य विद्युत निगम की ओर से भूमि अधिग्रहण से प्रभावित आदिवासी परिवारों को सभी प्रकार के लाभ दिये जाएंगे। इनमें से 642 परिवार ऐसे हैं जिनके पूरी भूमि का अधिग्रहण किया गया था।
मिर्जापुर के दुड्भी में आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार की ओर से 1978 से 1984 के दौरान किया गया था। सर्वोच्च अदालत ने दरअसल अक्तूबर, 09 में इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। लेकिन राज्य की ओर से कोई जवाब नहीं दायर किया गया जिसके चलते अदालत ने कड़ा रुख अपनाया। अदालत ने आदिवासियों को नीति के तहत राहत न देने के मसले पर गत वर्ष 18 अक्टूबर को राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए मुख्य सचिव को तलब किया था।
इस मामले में पहले राज्य के निगमों की ओर से अदालत को बताया गया था कि पुनर्वास और पुनर्स्थापन का कार्य पूरा हो चुका है। लेकिन याचिकाकर्ता ने इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से कोई कदम न उठाए जाने का दावा किया था जिसके बाद आयुक्त मिर्जापुर ने राहत कार्य शुरू किया। इसके बाद ही प्रदेश सरकार ने सोनभद्र में अधिग्रहित की गई जमीन के मामले में स्पष्ट जवाब दाखिल किया।-अदालत-०८.०३.१२

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