पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में यह साफ कर दिया है कि ऐसे किसी भी आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं की जा सकती जो सेवानिवृत्त हो चुका है तथा वह मामला जिसके आधार पर चार्जशीट दायर की गई है, वह सेवानिवृत्ति से चार वर्ष पहले का हो। यह फैसला जस्टिस के. कानन पर आधारित खंडपीठ ने कपूरथला के जसबीर सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनाया है।
जसबीर सिंह 25 मई 2007 को पंजाब रोडवेज ट्रासपोर्ट कार्पोरेशन से सेवानिवृत्त हुआ था। उसके खिलाफ 11 सितंबर 2008 को सेवानिवृत्ति के एक वर्ष बाद एक मामले में चार्जशीट दायर कर दी गई। जसबीर सिंह ने इस चार्जशीट को रद्द करने की उच्च न्यायालय से अपील की थी। जसबीर सिंह की ओर से उनके वकील विकास चतरथ ने खंडपीठ को बताया कि जसबीर सिंह के खिलाफ दायर चार्जशीट पीआरटीसी के पंजाब सिविल सर्विस रूल 2.2 (बी) का उल्लघन है।
खंडपीठ ने याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ चार्जशीट उसके सेवाकाल के दौरान ही दायर की जा सकती है। आरोपी को जिस मामले में चार्जशीट किया गया है, वह वर्ष 1989 का है। वर्ष 2004 में आरोपी से इस विषय पर जवाब माँगा गया था। सेवानिवृत्ति के बाद किसी भी किस्म की विभागीय कार्रवाई मान्य नहीं हो सकती। इसके साथ ही खंडपीठ ने संबंधित विभाग को याचिकाकर्ता के सभी सेवा लाभ चार सप्ताह के भीतर अदा करने के निर्देश दे दिए है।-रिटायर्ड कर्मी को नहीं किया जा सकता चार्जशीट, Adalat, Posted: 07 Feb 2012 09:58 AM PST
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