सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि रिक्त पदों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद सरकार, विज्ञापन में दिये रिक्त पदों से ज्यादा नियुक्तियां या चयन नहीं कर सकती, क्योंकि ऎसा करना संविधान का उल्लंघन होगा।
न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एसएस निज्झर ने कहा कि ऎसा कोई भी फैसला अनुच्छेद-14 के तहत कानून के समक्ष समानता और अनुच्छेद-16 के तहत सार्वजनिक नियुक्तियों के समान अवसर पाने के अधिकार का उल्लंघन होगा।
खंडपीठ ने कहा कि अगर उम्मीदवारों को इस बात की जानकारी होती कि अन्य रिक्त पदों को भरने पर भी विचार किया जा रहा है, तो ज्यादा तादाद में उम्मीदवारों ने अर्जी दी होती।
सुप्रीम कोर्ट ने ये व्यवस्था असम सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों को खारिज करते हुए दी। असम सरकार ने भूमि रिकॉर्ड और सर्वेक्षण निदेशालय में रिक्त 690 पदों को न भरने का फैसला किया था, क्योंकि अधिकारियों के मुताबिक केवल 160 पदों पर नियुक्ति के लिए शुरूआती विज्ञापन दिया गया था।
पीडित उम्मीदवारों की दलील दी कि चुने गए उम्मीदवारों की सूची में पांच सौ साठ उम्मीदवारों के नाम है| इसलिए बाकी के रिक्त पदों पर उन उम्मीदवारों को नियुक्त किया जा सकता है, जिनका नाम चुने गए उम्मीदवारों की मौलिक सूची में था और इन पदों के लिए नये सिरे से विज्ञापन देने की जरूरत नहीं है।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने इन उम्मीदवारों की याचिका खारिज कर दी थी| जिसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।-Adalat, विज्ञापित रिक्तियों से अधिक का चयन या नियुक्ति असंवैधानिक,Posted: 08 Feb 2012 08:28 AM PST
No comments:
Post a Comment