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6.2.12

2008 के बाद जारी सारे 122 मोबाईल कंपनियों के 2 जी लाइसेंस रद्द


सुप्रीम कोर्ट ने 2 जी मामले में बड़ा फ़ैसला सुनाते हुए 2008 के बाद जारी सारे 122 लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. 2 जी स्पेक्ट्रम के लिए 2008 में तत्कालीन संचार मंत्री ए राजा ने बोलियां आमंत्रित की थी लेकिन जिस तरीके से टू जी स्पेक्ट्रम आबंटित किए गए उसे लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया और ये मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की खंडपीठ ने 2 फरवरी को इस मामले की सुनवाई करते हुए सभी 122 लाइसेंस रद्द करने के आदेश दे दिए हैं।



एक अंग्रेजी दैनिक में पहली बार टू जी घोटाले का खुलासा होने के बाद नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में 2 जी स्पेक्ट्रम का लाइसेंस देने में एक लाख 76 हजार करोड़ रूपए के घोटाले की बात कही. यानि अगर बाजार मूल्य पर ये लाइसेंस दिए गए होते तो सरकारी खजाने को 1 लाख 76 हज़ार करोड़ रूपए का नुकसान नहीं हुआ होता. ये लाइसेंस 2008 में दिए गए पर कीमत 2001 की नियमावली के आधार पर तय की गई. 2 जी मामले में ए राजा समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों और रिलायंस, एस्सार समेत लाभान्वित होने वाली कई कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों को जेल जाना पड़ा.

इस मामले को प्रशांत भूषण और सुब्रमण्यम स्वामी सुप्रीम कोर्ट में ले गए थे. सुब्रमण्यम स्वामी ने टू जी घोटाले में गृह मंत्री पी चिदंबरम पर भी मुकदमा चलाने की अपील की थी लेकिन आज, 2 फरवरी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी पर ये तात्कालिक है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चिदंबरम की भूमिका पर सुनवाई निचली अदालत में पहले होना चाहिए. इसके लिए चार फरवरी की तारीख तय की गई है.

चिदंबरम टू जी स्पेक्ट्रम आबंटन के समय वित्त मंत्री थे और याचिका में कहा गया है कि अगर चिदंबरम चाहते तो ए राजा स्पेक्ट्रम आबंटन में मनमानी नहीं कर सकते थे, इसलिए चिदंबरम की मदद से ए राजा ने ये कथित घोटाला किया.सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्वामी ने कहा, “ये सारे लाइसेंस अवैध घोषित कर दिए गए हैं. लेकिन चार महीने का समय दिया गया है. इस अवधि में कंपनियां दोबारा सरकार के साथ करार कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बाजार भाव पर स्पेक्ट्रम दिए जाएं. “

उन्होंने बताया कि टू जी की जांच सीबीआई के बदले एसआईटी से कराने पर कोर्ट ने कहा है कि ये जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग करे. सुब्रमण्यम स्वामी के मुताबिक जहां तक जांच की निगरानी का सवाल है तो ये सीवीसी के तहत होगी. तीसरी बात कोर्ट ने कही है कि ट्रायल कोर्ट फैसला कर सकती है कि चिदंबरम के खिलाफ मामला बनता है कि नहीं.

जस्टिस गांगुली 2 फरवरी को अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट की परंपरा के अनुसार सेवाकाल के अंतिम दिन वह मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल थे।-Adalat, Posted: 01 Feb 2012 09:59 PM PST

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