यदि आपका कोई अपना या परिचित पीलिया रोग से पीड़ित है तो इसे हलके से नहीं लें, क्योंकि पीलिया इतना घातक है कि रोगी की मौत भी हो सकती है! इसमें आयुर्वेद और होम्योपैथी का उपचार अधिक कारगर है! हम पीलिया की दवाई मुफ्त में देते हैं! सम्पर्क करें : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 0141-2222225, 98285-02666

6.2.12

निपटाए मामले को फिर उठाने पर लगा 20 हजार रुपये का जुर्माना


वकीलों द्वारा पूर्व कानूनी प्रक्रिया को ठीक ढंग से समझे बिना एक ही मामले को बार-बार उठाकर परेशान करने के चलन की आलोचना करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने पूर्व के निर्णय के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने वाले वादी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।



हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जे मेहता ने कहा कि इन दिनों परेशान करने वाला चलन शुरू हो गया है, जिसमें कुछ वकीलों को इस बात का ध्यान नहीं रहता कि सुनवाई के दौरान किस विषय पर बहस हुई। वे नया वकालतनामा दायर कर देते हैं और अदालत में निर्णय के समय सामने आई बातों को समझे बिना ही दलील देने लगते हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह निर्णय नारायण दास आर इसरानी की ओर से निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए सुनाया।

नारायण दास आर इसरानी ने निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान इसरानी के वकील ने अदालत से यह कहते हुए याचिका वापस ले ली कि उनके विवाद का निपटारा मध्यस्थता केंद्र में हो सकता है। कुछ ही समय बाद इसरानी ने एक अन्य वकील के माध्यम से एक और याचिका के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में संपर्क किया और पूर्व के आदेश की समीक्षा करने की मांग की।

अदालत ने कहा, स्पष्ट है कि यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इसी के अनुरूप यह समीक्षा याचिका भी कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है, जिसे खारिज किया जाता है और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।-Adalat, Posted: 31 Jan 2012 08:51 AM PST

No comments:

Post a Comment

Followers