कोई सरकार सिर्फ धन की कमी को कारण बताकर सरकारी गारंटी का भुगतान नहीं टाल सकती। यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर सरकार को निर्देश दिया है कि वह एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया (AAI) को अपने वित्तीय संस्थानो से खरीदे गए बाडो का पैसा चुकाए, क्योंकि सरकार ने इन बाडों में निवेश का धन वापस किए जाने की गारंटी दे रखी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विपिन साघी ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार सिर्फ यह वजह बताकर कि उसके पास धन नहीं है, सरकारी गारंटी को भुनाने से इनकार नहीं कर सकती। कानून के अनुसार सरकारी गारंटी को विफल नहीं होने दिया जा सकता। इसलिए अदालत गारंटी लागू करवाएगी।
Airport Authority of India ने अपनी याचिका में जम्मू-कश्मीर राज्य वित्त निगम (JKSFC) पर बाड और अर्द्धवार्षिक ब्याज का भुगतान न करने का आरोप लगाया था। एएआइ ने Jammu Kashmir State Finance Corporation के बाड अपने कर्मचारी भविष्य निधि फंड के वित्तपोषण के लिए खरीदे थे।
उक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह एएआइ को बाड के बकाए के भुगतान के रूप में 10.4 करोड़ रुपये अदा करें।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेकेएसएफसी की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि यह मामला उनके दायरे में नहीं आता।-Adalat : Posted: 16 Jan 2012 08:30 AM PST
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