नई दिल्ली. स्वीकृत सीबीआई अदालतों की स्थापना करने की प्रधानमंत्री की सलाह को नजरअंदाज करने वाले राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फटकार लगाई। उसने इस पर भी अफसोस जताया कि देश के शीर्ष कार्यालय से 2009 में जारी पत्र को ‘कचरे के डिब्बे’में डाल दिया गया।
जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस एसडी मुखोपाध्याय की बेंच ने ऐसे आठ राज्यों को आठ हफ्तों का समय दिया है। बेंच ने कहा, ‘विशेष अदालतों में चलने वाले अधिकांश मामले सरकारी कर्मचारियों से जुड़े होते हैं। प्रधानमंत्री के पत्र को भी कचरे के डिब्बे में फेंक दिया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण परिदृश्य है कि वे (राज्य) सिर्फ अवमानना के डर में ही फैसले लेते हैं। मुख्य सचिवों को प्रशासनिक फैसले लेने चाहिए, लेकिन वे भी ऐसे महत्वपूर्ण मसलों पर फैसले नहीं लेते।’
सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सुनवाई के दौरान दिया। हाईकोर्ट ने राज्य की एक तेल कंपनी के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की कर चोरी के मामले की जांच कर रहे अधिकारी के ट्रांसफर पर रोक लगाई थी।
मंजूरी के बावजूद इतनी नहीं बनीं
आंध्र प्रदेश 5
दिल्ली 6
गुजरात 2
पश्चिम बंगाल 3
ओडिशा 4
असम 2
छत्तीसगढ़ 1
गोवा 1
Source: दैनिक भास्कर| Last Updated 12:28(18/11/11)
No comments:
Post a Comment