भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में इससे बड़ा मानहानि का मुकदमा किसी पर नहीं हुआ होगा. किसी चैनल द्वारा सिर्फ 15 सेकेण्ड एक गलत फोटो को आन एयर करने की सजा है 100 करोड़ का हर्जाना। निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा लिया लेकिन हर अदालत का एक ही फरमान कि आपको 100 करोड़ का हर्जाना देना ही होगा। मामला बीपी सावंत बनाम टाईम्स नाऊ का है, जिसमें अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हर्जाना अदा करने का आदेश बरकरार रखा है।
हालांकि सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश पारित कर दिया था और चैनल के स्वामी टाइम्स ग्लोबल ब्राडकास्टिंग कंपनी को कहा है कि वे मुंबई हाईकोर्ट के फैसले को माने और जैसा हाईकोर्ट ने आदेश दिया है वैसा करें. मुंबई हाईकोर्ट ने इस टेलीवीजन कंपनी को आदेश दिया था कि वह 20 करोड़ नकद कोर्ट में जमा करवाये और 80 करोड़ रूपये की बैंक गारंटी दे. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ टाइम्स नाऊ सुप्रीम कोर्ट गया था जहां सुप्रीम कोर्ट ने चैनल को दोबारा मुंबई हाईकोर्ट जाने का आदेश दे दिया और कहा है कि जैसा हाईकोर्ट ने कहा है वैसा करें.
10 सितंबर 2008 को टाईम्स नाऊ ने प्रोविडेड फंड घोटाले की खबर दिखाते हुए आरोपी कलकत्ता हाईकोर्ट के जज पी के सामंत की जगह पीबी सावंत की फोटो लगा दिया था. यह फोटो करीब 15 सेकेण्ड आन एयर रहा जिसके खिलाफ जस्टिस पीबी सावंत ने पुणे की स्थानीय अदालत में मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था जिस पर सुनवाई होते हुए अब सुप्रीम ने अपना फैसला दे दिया है. जाहिर है अब चैनल को 100 करोड़ का जुर्माना देना ही होगा. स्त्रोत : विस्फोट डोट कॉम, १५.११.११ (15 सेकेण्ड की गलती का जुर्माना 100 करोड़)
No comments:
Post a Comment